हाथरस सड़क हादसे की तबाही: एक परिवार की खत्मी, गांव में मातम का तांडव, शवों के आगमन से पहले जगह की तलाश की कवायद
राहुल यादव (एडिटर) मानस न्यूज
हाथरस। सैमरा गांव में एक भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 12 लोगों समेत 16 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा इतना दर्दनाक था कि पूरे गांव में मातम छा गया है।
हादसा तब हुआ जब एक जनरथ बस ने मैक्स पिकअप में टक्कर मार दी। मैक्स पिकअप में 35 लोग सवार थे, जो दादी के चालीसा में जाने के लिए गए थे। हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
बेदरिया और उनके परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके घर में मातम छा गया है। हादसे में बचे परिजन अपनों की लाश का इंतजार करते दिखे।
पड़ोसी नसुरुद्दीन ने बताया कि बेदरिया की बेटी असगरी सासनी के गांव मुकुंदखेड़ा में ब्याही है। इनकी दादी सास के चालीसा में जाने के लिए 35 सदस्य मैक्स गाड़ी से गए थे। क्या पता था कि इनमें से कई दोबारा लौटकर नहीं आएंगे।
बस्ती में शवों के आगमन से पहले पुलिस को स्थान की तलाश करनी पड़ी
हाथरस की एक बस्ती में 16 शवों को रखने के लिए पुलिस को स्थान की तलाश करनी पड़ी। पहले पंचायत घर की जमीन को देखा गया, लेकिन बाद में स्कूल परिसर में शव एकत्रित करने का निर्णय लिया गया।
स्कूल के अंदर शव रखने का प्रयास किया गया, लेकिन गेट का ताला नहीं खुला। इसलिए स्कूल परिसर के बाहर तंबू लगाकर शव रखे गए।
इस हादसे में दो मासूम बच्चे, अल्फेज और अली जान, जो क्रमशः 10 और 9 साल के थे, भी शहीद हो गए। वे अपने भाई-बहनों के साथ दादी के घर गए थे और अपना बस्ता लगाकर घर से गए थे, ताकि शनिवार सुबह स्कूल जा सकें। परिवार की महिलाओं ने बताया कि दोनों बच्चों के बस्ते घर में रखे हुए हैं, लेकिन अब कोई इन्हें स्कूल नहीं ले जाएगा। घर का आंगन बच्चों के बिना उजड़ गया है।
सैमरा गांव में नहीं जले चूल्हे
हाथरस के सैमरा गांव में एक ही खानदान के लोगों की मौत से मातम छा गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही गांव के लोग सकते में आ गए। सैमरा के घरों में चूल्हे नहीं जले और पूरी रात गांव के लोग मृतकों के परिजन को ढांढस बंधाते रहे।
पड़ोसी वसीम खान ने बताया कि गांव में करीब 8000 की आबादी है। पांचों भाइयों का परिवार गांव से ही किराए पर मैक्स गाड़ी करके चालीसा में गया था। पूरा गांव एकजुट होकर मृतकों के परिजन को सांत्वना दे रहा था।
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